एशियाई खेलों में कप्तानी करते समय धोनी से मिली सीख पर अमल करेंगे रुतुराज गायकवाड़
डबलिन रुतुराज गायकवाड़ का मानना है कि किसी टीम का नेतृत्व करना आसान काम नहीं...
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रुतुराज गायकवाड़ का मानना है कि किसी टीम का नेतृत्व करना आसान काम नहीं है लेकिन वह अगले महीने एशियाई खेलों में भारत की कप्तानी करते समय चेन्नई सुपर किंग्स में अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से मिली सीख पर अमल करके उनकी तरह इसे सरल बनाने की कोशिश करेंगे। गायकवाड़ हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में युवा टीम की कप्तानी करेंगे क्योंकि उस समय टीम के सीनियर खिलाड़ी विश्वकप की तैयारियों में लगे होंगे।
गायकवाड़ ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो किसी टीम की कप्तानी करना बेहद जटिल चीज है। जैसे कि माही भाई (धोनी) हमेशा कहते रहते हैं कि एक बार में एक मैच पर ध्यान दो और भविष्य को लेकर चिंता मत करो। उन्होंने कहा,हर कोई चीजों को बढ़ा चढ़ा कर पेश करता है। मैं उन लोगों में शामिल नहीं हूं जो सोशल मीडिया पर ध्यान देते हैं या फिर उन बातों पर गौर करते हैं जो मेरे बारे में कही जा रही हों।
गायकवाड़ ने आयरलैंड के खिलाफ यहां दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की 33 रन से जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक ऐसी चीज है जो मैंने चेन्नई सुपर किंग्स में सीखी। मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने और फिर घर लौट कर अपने दोस्तों के साथ समय बिताने को लेकर मेरी राय बहुत स्पष्ट है। वेस्टइंडीज दौरे में अधिकतर समय बाहर बैठे रहने वाला दाएं हाथ का यह बल्लेबाज आयरलैंड में पारी का आगाज कर रहा है।
उन्होंने दूसरे मैच में धीमी शुरुआत के बाद 43 गेंदों पर 58 रन की मैच विजेता पारी खेली। गायकवाड़ ने कहा, रात को बारिश होने के कारण विकेट में थोड़ा नमी थी और गेंद रुक कर बल्ले पर आ रही थी। ऐसे में इस विकेट पर शॉट खेलना आसान नहीं था। सलामी बल्लेबाज होने के कारण मेरे पास कुछ गेंदों को छोड़कर क्रीज पर पांव जमाने और फिर उसकी भरपाई करने का मौका था।
उन्होंने कहा, आमतौर पर जब बाकी बल्लेबाज क्रीज पर उतरते हैं तो बहुत कम ओवर बचे रहते हैं और ऐसे में आप अधिक गेंदों को खाली नहीं छोड़ सकते। एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर आपको विकेट का आकलन करने का पर्याप्त समय मिलता है। गायकवाड़ को नियमित तौर पर खेलने का मौका नहीं मिलता और इसलिए आयरलैंड श्रृंखला उनके लिए अधिक महत्वपूर्ण बन जाती है। उन्होंने कहा, यह बेहद महत्वपूर्ण है। जब आप पहले मैच से खेलते हो तो यह काफी भिन्न होता है। आप काफी आत्मविश्वास, अच्छी तैयारी और सही मानसिकता के साथ क्रीज पर उतरते हो। मुख्य टीम में बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए वहां मौका नहीं है। ऐसे में यह शानदार अवसर है और अभी हमें एक और मैच खेलना है।
गायकवाड़ ने रिंकू सिंह की भी तारीफ की जिन्होंने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करके भारतीय टीम में जगह बनाई और यहां दूसरे मैच में मौका मिलने पर 21 गेंदों पर 38 रन की तूफानी पारी खेली। गायकवाड़ ने कहा, वह आईपीएल में ही सबका चहेता खिलाड़ी बन गया था। इस साल वह जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा है, उसमें काफी परिपक्वता नजर आती है और सबसे अच्छी बात यह है कि वह पहली गेंद से ही आक्रमण नहीं करता है। वह परिस्थितियों का आकलन करके फिर आक्रमण करता है।