यूनियन कार्बाइड कचरे के जलाने के प्रभाव को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में तैयार हो रही विशेष रिपोर्ट

A special report is being prepared at MGM Medical College on the impact of burning Union Carbide waste

यूनियन कार्बाइड कचरे के जलाने के प्रभाव को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज में तैयार हो रही विशेष रिपोर्ट

 पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड कचरे के निष्पादन के प्रभाव को लेकर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डाक्टरों की टीम शासन के आदेश पर निष्पादन के प्रभाव पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है। जिससे लोगों में आई भ्रांतियां दूर होगी व कचरे से कोई नुकसान है या नहीं इस बारें में पता चल पाएगा।

इसके लिए मेडिकल कॉलेज की टीम ने स्टडी शुरू कर दी है। जानकारी अनुसार विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि वर्ष 2015 में 10 टन कचरा जलाने से यहां का पानी का रंग लाल, लोगों में त्वचा से संबंधित समस्या और कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ी है।

वैज्ञानिक आकलन किया जा रहा

इस पर डॉक्टरों की टीम मौके पर जाकर रहवासियों से चर्चा करते हुए वास्तविक स्थिति पर अध्यन कर रही है। जिसमें इस कचरे के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभावों का वैज्ञानिक आकलन किया जा रहा है। रिपोर्ट तैयार करने में बारीकी से रिसर्च की जा रही है ताकि हर पहलू का निष्पक्ष और सटीक विश्लेषण हो सके।

रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी

रिपोर्ट तैयार होने के बाद शासन को भेजी जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि रिपोर्ट के सकारात्मक परिणाम आएंगे। बता दें कि यह रिपोर्ट भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग, मध्य प्रदेश शासन के निर्देशों के तहत बनाई जा रही है।

भोपाल में हुई थी बैठक भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा 11 जनवरी को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कचरे के विनिष्टीकरण को लेकर मप्र हाई कोर्ट, जबलपुर द्वारा पारित आदेश के बाद बैठक आयोजित की थी।

इसमें भोपाल गैस त्रासदी, पर्यावरण विभाग, प्रदूषण बोर्ड, पीथमपुर स्थित वेस्ट मेनेजमेंट कंपनी के प्रतिनिधि के साथ ही एमजीएम मेडिकल कॉलेज से प्रोफेसर पीएसएम डॉ. एसबी बंसल, प्रोफेसर आनकोलाजी डॉ. रमेश आर्य को बुलाया था।