ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे : तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मुआवजा वितरण के लिए 220 करोड़ स्वीकृत
Greenfield Expressway: Rs 220 crore approved for compensation distribution in three states Madhya Pradesh, Rajasthan and Uttar Pradesh

ग्वालियर। ग्वालियर से आगरा के बीच 4,263 करोड़ रुपये की राशि से प्रस्तावित 88.4 किमी. लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए जीआर इंफ्रा से अनुबंध होने के बाद अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करानी है।
अधिग्रहण के काम में तेजी लाने, मुआवजा वितरण करने के लिए 220 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल गई है। इस परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के 14 गांव, राजस्थान के धौलपुर के 30 गांव, मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर सहित कुल 100 गांवों में भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।
88.400 किमी. सड़क सिक्सलेन बनेगी
इसके बाद नवंबर माह से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि मुआवजा वितरण में किसानों की ओर से आपत्तियां लगाई गई हैं, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी इनका भी निराकरण करने का दावा कर रहे हैं। इस परियोजना में ग्वालियर से राजस्थान के बीच 88.400 किमी. सड़क सिक्सलेन होगी।
एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए दोतरफा तैयारियां चल रही हैं, क्योंकि कंपनी को अब छह माह के अंदर निर्माण कार्य के लिए राशि की व्यवस्था करनी है, तो वहीं एनएचएआई को जमीन उपलब्ध करानी है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत कंपनी को वर्तमान ग्वालियर-आगरा फोरलेन हाईवे की मरम्मत को प्राथमिकता से करना होगा।
ग्वालियर से सीधे आगरा पहुंचाएगा एक्सप्रेस-वे
कंपनी को इस पूरे हाईवे का पुनरुद्धार करना है, ताकि जिन वाहनों को ग्वालियर से सीधे आगरा जाना है, वह एक्सप्रेस-वे का सहारा लें। वहीं जिन वाहनों को मुरैना, धौलपुर की ओर जाना है, वे वर्तमान फोरलेन का सहारा ले सकें। कंपनी को वर्तमान हाईवे की मरम्मत के लिए सिर्फ एक साल का समय दिया जाएगा, यानी नवंबर 2026 तक कंपनी को इसकी मरम्मत का काम पूरा करना होगा।
मिल चुकी हैं सारी अनुमतियां
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा सरकारी एजेंसियों से सभी अनुमतियां प्राप्त कर ली गई हैं। रेलवे, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, वन विभाग और तीनों राज्यों के राजस्व विभाग से अनुमतियां प्राप्त होने के बाद कार्य में तेजी आई है।
अब सिर्फ निजी भूमि के अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया बाकी रह गई है। चूंकि एनएचएआई को अब राशि स्वीकृत हो चुकी है, ऐसे में अब मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।