देश के जीडीपी में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 2026 तक 20 प्रतिशत होगा : चंद्रशेखर
गांधीनगर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि 2026 तक...
गांधीनगर
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि 2026 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में डिजिटल अर्थव्यवस्था का योगदान 20 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा।चंद्रशेखर गुजरात सरकार द्वारा प्रदेश की राजधानी में हेलीपैड ग्राउंड में आयोजित 'स्टार्टअप कॉन्क्लेव 2023' के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, "डिजिटल अर्थव्यवस्था 2014 में जीडीपी का लगभग 4.5 प्रतिशत थी और आज यह 11 प्रतिशत है। 2026 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था भारतीय जीडीपी का 20 प्रतिशत या पांचवां हिस्सा होगा।"
चंद्रशेखर ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2015 में 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम शुरू करने के समय निर्धारित लक्ष्यों और महत्वाकांक्षाओं ने गुणात्मक और मात्रात्मक रूप से हमारी अर्थव्यवस्था, हमारे नवाचार परिवेश और दुनिया में एक राष्ट्र के रूप में हमारी स्थिति को बदल दिया है।"
उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति लगभग तीन दशक तक प्रौद्योगिकी के उपभोक्ता से बदलकर दुनिया के लिए उपकरणों, उत्पादों और मंच निर्माता की हो गई है।
मंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में पिछले नौ साल के दौरान यह एक उल्लेखनीय परिवर्तन था। हमारी अर्थव्यवस्था, जिसपर कभी कुछ समूहों या खंडों का वर्चस्व था, अब एक अत्यधिक विविधता वाली अर्थव्यवस्था बन गई है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा, "जिस स्वतंत्र भारत में हम रह रहे हैं, उसके इतिहास में यह सबसे रोमांचक समय है। यह भारत में नवाचार और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए अबतक का सबसे रोमांचक समय है। मैं यह कह रहा हूं कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के पदभार संभालने के बाद से हमारा नवाचार परिवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था कितनी आगे बढ़ गई है।"
चन्द्रशेखर ने कहा कि स्टार्टअप और नवाचार के लिए सबसे अच्छा समय अभी आना बाकी है क्योंकि अगला दशक इन्हीं के लिए अवसरों का होगा।
ओडिशा में टाटा पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनीज ने 10 लाख से अधिक बिजली कनेक्शन किए
भुवनेश्वर,
टाटा पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनीज (डिस्कॉम) ने 2020 से ओडिशा में 10 लाख से अधिक नए बिजली 'कनेक्शन' किए हैं।
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, टाटा पावर और ओडिशा सरकार के इस संयुक्त उद्यम में टीपी (टाटा पावर) सेंट्रल, टीपी सदर्न, टीपी नॉर्दर्न और टीपी वेस्टर्न ओडिशा डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड शामिल हैं, जो पूरे राज्य में काम कर रही हैं।
बयान में कहा गया, जून, 2020 से नवंबर, 2023 तक टीपी सेंट्रल क्षेत्र में सबसे अधिक 3,76,799 नए कनेक्शन किए गए, जबकि अप्रैल, 2021 से नवंबर, 2023 तक टीपी साउथ ओडिशा डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड क्षेत्र में 1,55,801 नए कनेक्शन किए गए।
इसी तरह जनवरी, 2021 से नवंबर, 2023 में टीपी उत्तरी ओडिशा और टीपी पश्चिमी ओडिशा क्षेत्र में क्रमश 1.67 लाख और 2.86 लाख उपभोक्ताओं को नए बिजली कनेक्शन मिले।
संभावित ग्राहक अब वेबसाइट, फोन कॉल, मिस कॉल, एसएमएस, व्हाट्सएप, ई-मेल और ग्राहक सेवा केंद्र जैसे कई माध्यम से आसानी से आवेदन कर सकते हैं।
कंपनी के अनुसार, नई प्रक्रिया में केवल चार चरण… पंजीकरण, दस्तावेज़ जमा करना, भुगतान व सत्यापन और मीटर लगाना शामिल हैं।
टाटा मोटर्स ने वाणिज्यिक वाहन वित्तपोषण के लिए एचडीएफसी बैंक के साथ की साझेदारी
नई दिल्ली, 07 दिसंबर (वेब वार्ता)। टाटा मोटर्स ने अपने वाणिज्यिक वाहन ग्राहकों को डिजिटल वित्तपोषण समाधान मुहैया कराने के लिए एचडीएफसी बैंक के साथ साझेदारी की है।
कंपनी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी बयान के अनुसार, दोनों कंपनियों ने इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
टाटा मोटर्स के उपाध्यक्ष एवं व्यापार प्रमुख (ट्रक) राजेश कौल ने कहा, ‘‘यह साझेदारी नवीन डिजिटल समाधानों के जरिए ग्राहक अनुभव को बहेतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। एचडीएफसी बैंक की विशेषज्ञता और पहुंच के साथ हमारा लक्ष्य अपने ग्राहकों को वित्त विकल्पों की एक बेहतर श्रृंखला प्रदान करना है।''
यह साझेदारी टाटा मोटर्स द्वारा पेश किए गए सभी वाणिज्यिक वाहनों के लिए होगी, जिसमें बस, ट्रक और छोटे वाणिज्यिक वाहन तथा 'पिकअप' वाहन शामिल हैं।
एचडीएफसी बैंक के कार्यकारी उपाध्यक्ष (वाणिज्यिक वाहन समूह) बालाजी वर्मा ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि वाहन वित्तपोषण तक पहुंच ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है। हम वाहन वित्तपोषण को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।''
एक फरवरी के बजट में कोई ''बड़ी घोषणा'' नहीं की जाएगी: वित्त मंत्री सीतारमण
नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक फरवरी 2024 को पेश किए जाने वाले बजट में कोई ''बड़ी घोषणा'' नहीं होगी क्योंकि यह आम चुनाव से पहले लेखानुदान होगा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘यह सच है कि एक फरवरी 2024 को जो बजट घोषित किया जाएगा वह सिर्फ 'वोट ऑन अकाउंट' होगा क्योंकि हम चुनाव की तैयारी में होंगे। इसलिए सरकार जो बजट पेश करेगी वह सिर्फ तब तक के लिए सरकारी खर्चों को पूरा करने के वास्ते होगा जब तक कोई नई सरकार नहीं बन जाती।''
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित वैश्विक आर्थिक नीति मंच 2023 के दौरान सीतारमण ने कहा कि देश तब 2024 की गर्मियों में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहा होगा।
ब्रिटिश परंपरा का पालन करते हुए एक फरवरी के बजट को 'वोट ऑन अकाउंट' कहा जाएगा।
सीतारमण ने कहा, ‘‘उस (चुनाव के) समय (वोट ऑन अकाउंट में) कोई बड़ी घोषणा नहीं होती। इसलिए आपको नई सरकार आने और जुलाई 2024 में अगला पूर्ण बजट पेश करने तक का इंतजार करना होगा।''
सीतारमण एक फरवरी 2024 को लोकसभा में एक अप्रैल 2024 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी।
अंतरिम बजट को 'वोट ऑन अकाउंट' भी कहा जाता है। मौजूदा सरकार को आम चुनाव के बाद नई सरकार बनने तक का खर्चा दिया जाएगा।