अमेरिका की शीर्ष शैक्षिक, सांस्कृतिक दूत भारत की यात्रा करेंगी

वाशिंगटन अमेरिका की शीर्ष शैक्षिक और सांस्कृतिक दूत ली सैटरफील्ड जी20 संस्कृति मंत्रिस्तरीय बैठक में...

अमेरिका की शीर्ष शैक्षिक, सांस्कृतिक दूत भारत की यात्रा करेंगी

वाशिंगटन
अमेरिका की शीर्ष शैक्षिक और सांस्कृतिक दूत ली सैटरफील्ड जी20 संस्कृति मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने और द्विपक्षीय मुद्दों पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगी।

शैक्षिक और सांस्कृतिक मामलों की सहायक विदेश मंत्री सैटरफील्ड 22 से 27 जून तक भारत में होंगी। उनकी यह यात्रा भारत में सितंबर में प्रस्तावित जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है।

भारत में सैटरफील्ड नयी दिल्ली और वाराणसी का दौरा करेंगी। वाराणसी में वह शनिवार 26 अगस्त को जी20 संस्कृति मंत्रिस्तरीय बैठक को संबोधित करेंगी। वह जी20 के सदस्य देशों और यूनेस्को सहित सभी भागीदारों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगी।

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, "सैटरफील्ड की भागीदारी मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से संस्कृति की रक्षा, संरक्षण और प्रचार को बढ़ावा देने की अमेरिका की मजबूत प्रतिबद्धता और जी20 संस्कृति कार्य समूह के लिए वाशिंगटन के समर्थन को रेखांकित करती है।"

जी20 संस्कृति मंत्रिस्तरीय बैठक से पहले सैटरफील्ड नयी दिल्ली में 'एम्बैस्डर्स फंड फॉर कल्चरल प्रिजर्वेशन' (एएफसीपी) परियोजना स्थल और 'अमेरिकन सेंटर इन न्यू डेल्ही' (एसीएनडी) का दौरा करेंगी और शैक्षिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के पूर्व छात्रों से मिलेंगी।

एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि सैटरफील्ड अंतरराष्ट्रीय शिक्षा, खेल कूटनीति, सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मक अर्थव्यवस्था सहित कई साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए सरकारी अधिकारियों एवं निजी क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों से भी मुलाकात करेंगी।

भारतीय अमेरिकी ने नियोक्ता से 27 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक के गबन का जुर्म कबूला

वाशिंगटन
 अमेरिका में एक भारतीय अमेरिकी ऑडिटर ने अपने रियल इस्टेट नियोक्ता की 27 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक राशि के गबन का आरोप स्वीकार कर लिया है।

वरुण अग्रवाल (41) इससे पूर्व कैलिफोर्निया में एक वाणिज्यिक रियल इस्टेट एजेंसी में कार्यकारी था।

उसने धोखाधड़ी के आरोप में अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

न्याय विभाग ने बताया कि आरोपी ने अपने परिवार और दोस्तों द्वारा नियंत्रित कंपनियों के लिए फर्जी चालान जमा किए, जिनकी सेवाएं कभी नहीं ली गईं।

उसके याचिका समझौते के अनुसार, 2008 से जनवरी 2022 तक अग्रवाल ने न्यूपोर्ट बीच स्थित केबीएस रियल्टी एडवाइजर्स के आंतरिक ऑडिटिंग विभाग में काम किया और विभाग के निदेशक के स्तर तक पहुंच गया।

एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि इसकी शुरुआत जनवरी 2012 से हुई जो जनवरी 2022 तक जारी रही। अग्रवाल ने केबीएस में अपने पद का इस्तेमाल अपने नियोक्ता के धन का गबन करने के लिए किया।