MP के खंडवा में इमाम के बेटे को भाया सनातन का रास्ता, मुस्तफा चिश्ती बने मारुति नंदन
Imam's son in Khandwa of MP liked the path of Sanatan, Mustafa Chishti became Maruti Nandan

खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की भामगढ़ मस्जिद में बरसों तक इमाम रहे इकबाल अली के पुत्र आले मुस्तफा चिश्ती ने शनिवार को सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। यहां महादेवगढ़ मंदिर में 10 विधि स्नान एवं मुंडन क्रिया पूरी करने के बाद प्रायश्चित यज्ञ में सम्मिलित होने के बाद मुस्तफा ने अपने लिए मारुति नंदन नाम दिया।
शिवलिंग पर जलाभिषेक करके भोलेनाथ शिव का पूजन व हनुमान जी की आरती भी की। उन्होंने कहा कि आत्म जागृति एवं विश्व कल्याण का एक ही मार्ग है- सनातन, इसलिए मैंने बिना किसी जोर-दबाव के स्वेच्छा से सनातन को स्वीकार किया है।
सनातक के प्रति थी आस्था
आले मुस्तफा चिश्ती से मारुति नंदन बने युवक ने कहा कि देश-दुनिया की वर्तमान परिस्थितियों में शांति का मार्ग सनातन ही सुनिश्चित कर सकता है, इसलिए वर्षों से मेरी आस्था सनातन के प्रति थी।
इमरान से ईश्वन बने युवक को देखा था
कुछ दिनों पहले फिरोज से राहुल बने एवं इमरान से ईश्वर बने युवक को देखकर मेरी इच्छा जागृत हुई और मैंने स्वयं महादेवगढ़ मंदिर में आकर स्वेच्छा से सनातन धर्म को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि मेरा अन्य भटके हुए युवाओं से भी आग्रह है कि हमारे पूर्वजों का डीएनए राम-कृष्ण से ही मिलता है।
विश्व कल्याण के लिए सनातन धर्म स्वीकारा
इसलिए वे भी आएं और स्वयं के कल्याण के साथ विश्व कल्याण के लिए सनातन धर्म स्वीकार करें। मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने कहा कि ऐसे कई परिवार हैं, जो अपने घर में अपने पूर्वजों से प्रेरित होकर रामकृष्ण की पूजा करते हैं, उन्हें हिम्मत देकर वापस लाना होगा।
यही कार्य रामानंदाचार्य जैसे कई संतों ने भी किया है। महादेवगढ़ मंदिर में एक वर्ष में 40 मुस्लिम युवक-युवतियों ने सनातन धर्म में प्रवेश किया है।